घूस लेने को क़ानूनी मान्यता
अब ये विचार दिए जा रहे हैं कि घूस लेने को क़ानूनी मान्यता मिले, क्योंकि इससे घूस लेने और देने दोनों की चोरी-छिपे क्रियाकर्म बंद हो जाये यानि जो शर्म बन जाता था वो शान बन जाये . शर्म भी बड़ी अजीब होती है क्योंकि इसे परदे की भी जरूरत होती है पर जब इसे बेपर्दा किया जायेगा तो हो सकता है ये कुछ समय की मांग करे. समय तो लगेगा ही अपने वास्तविक रूप से बाहर निकलने में .
ये विचार दिया जा रहा है की क़ानूनी मान्यता मिलने से लोग घूस लेने की शिकायत पुलिस में बिना किसी डर और भय के करेंगे और तब इस पर अंकुश लगाया जा सकता है पर क्या पता ये कोई नया रूप ले ले . आखिर उपरी कमाई है बंद थोड़े ही होगी.
बचपन में माँ को जब कोई काम कराना होता था तो घूस देती थी वो भी ये कि '' तुझे चौकलेट देंगे '', और चोरी इस बात की थी कि सिर्फ मुझे ही मिलेगा. एक बार चाचा का प्रेमपत्र पहुँचाने पर भी घूस मिला था लेकिन मै भी बार-बार और घूस की मांग करती और नहीं देने पर दादा से शिकायत की धमकी देती .
वाह रे घूस तेरे कितने रूप हैं और जब तुझे मान्यता मिलेगा तो और निखर जाएगी. आगे देखते हैं तू कौन सी करामात करती है.
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