चुनौती
फिर उम्मीद टूटी
निराशा जाग उठी
अँधेरा बढ़ता गया
दिए की एक लौ ने
चुनौती दी कि आगे बढ़ो
मुकाबला करना होगा
अँधेरे को भागना होगा
तू डर मत
है कठिन पल
अकेले का सफर
कठिन है डगर
फिर भी रख हिम्मत
ऐ निराश मन
चल उठ बढ़
मंजिल अभी दूर है
तो तुझमे भी जुनून है
रख हिम्मत निडर बन
बढ़ा कदम
तू जीत जायेगा
अँधेरा भाग जायेगा
अब मिलेगी रौशनी जो
साथ देगी उम्र भर
जीत जा तू यह चुनौती
यह चुनौती, यह चुनौती .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें