शिव जब दुष्टो का दमन तथा सृष्टी का प्रलय करते है तो रूद्र रूप धारण कर लेते हैं और जब वही देवता सृष्टी का पालन और धारण करते है तो "शिव" या "शंकर" कहलाते है। ऋग्वेद के एक मन्त्र में प्रार्थना की गयी है-
"हे रूद्र ! क्रोध वश आप हमारे बच्चों, वंशजो , पशुओं और अश्वो का विनाश न करो। हम हविशों के साथ तुम्हारा आवाहन करते है ।
Sandhya ji,
जवाब देंहटाएंhiindi blog jagat men apka svagat karte huye khushee ho rahee hai.
meree hardik shubhkamnayen apke sath hain.
Poonam
आपकी सोच सकारात्मक है, ऐसे ही लिखते रहें और और हिंदी ब्लोगिंग को सींचें, शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लेखन
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआप कि सोच अच्छी है| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
इस सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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