बुधवार, 5 सितंबर 2012

ज्ञान - ज्योति

शिक्षक दिवस पर शुभकामनायें 
ज्ञान - ज्योति 

व्यर्थ न समय गवां                             
तु  ज्ञान ज्योति को जला             
विदग्ध वाणी मुग्ध स्वर 
नवीन रागिनी सुना ।

शब्द हो नए-नए 
विचार में हो रौशनी                                     
शिक्षा का मशाल ले 
तु  लेखनी को चला ।

लिखो कि विश्व पढ़ सके 
हो ग्राम में भी जागरण                          
वाणी  गूँजती रहे 
धरा  से हो गगन तलक 
विकास   का  बिगुल बजे 
तु  जीत देश को  दिला  ।

व्यर्थ न समय गवां                           
 तु  ज्ञान ज्योति को जला ...................          

8 टिप्‍पणियां:

  1. लिखो कि विश्व पढ़ सके
    हो ग्राम में भी जागरण
    वाणी गूँजती रहे
    धरा से हो गगन तलक ...

    ज्ञान की ज्योति यूं ही जलती रहे ... सभी साक्षर हों ... वाणी से अक्षर से ... सुन्दर भावपूर्ण रचना ...

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    1. धन्यवाद ...... आज साक्षरता दिवस की शुभकामनायें

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  2. ज्ञान की ज्योत जलती रहे... साक्षरता दिवस की शुभकामनायें...

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