आओ पेंड लगायें हम
आओ पेंड लगायें हम
धरती को हरा बनायें हम
तपती धरती को मिलकर फिर से
शीतल स्वर्ग बनायें हम
आओ पेंड लगायें हम
इक छोटी बगिया हो अपनी
जिसमे फूल लगायें हम
फिर रंग - बिरंगी तितलियों के
पीछे दौड़ लगायें हम
आओ हरियाली लायें हम
इक सुन्दर जहाँ बसायें हम
जहाँ कल - कल करती नदियाँ हों
छोटी - छोटी सी तलैया हो
फिर कागज की कश्ती को ले
बारिश में तेज बहायें हम
आओ पेड़ लगायें हम
धरती को हरा बनायें हम
आओ पेंड लगायें हम
धरती को हरा बनायें हम
तपती धरती को मिलकर फिर से
शीतल स्वर्ग बनायें हम
आओ पेंड लगायें हम
इक छोटी बगिया हो अपनी
जिसमे फूल लगायें हम
फिर रंग - बिरंगी तितलियों के
पीछे दौड़ लगायें हम
आओ हरियाली लायें हम
इक सुन्दर जहाँ बसायें हम
जहाँ कल - कल करती नदियाँ हों
छोटी - छोटी सी तलैया हो
फिर कागज की कश्ती को ले
बारिश में तेज बहायें हम
आओ पेड़ लगायें हम
धरती को हरा बनायें हम
एक एक सार्थक प्रयास खुद से आरम्भ करें हम .... खोया स्वर्ग खुद ही लाना होगा
जवाब देंहटाएंजिस तरह से गर्मी बढ़ रही है उसके समाधान के लिए हमें पेंड लगाने ही होंगे
हटाएंबहुत ही सुन्दर..सिख देती रचना..
जवाब देंहटाएंआओ पेंड लगायें हम
धरती को हरा बनायें हम
तपती धरती को मिलकर फिर से
शीतल स्वर्ग बनायें हम
आओ पेंड लगायें हम
अति सुन्दर...
साएर्थक सन्देश देती रचना ... आज की जरूरत है पेड़ लगाना ...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही है ......
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा संदेश।
जवाब देंहटाएंसादर
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‘जो मेरा मन कहे’ पर आपका स्वागत है
बिल्कुल
जवाब देंहटाएंसमाज का सही राह दिखाती कविता
सार्थक आह्वान ...
जवाब देंहटाएंइस मुहिम मे मैं आपके साथ हूँ ...!!
व्रक्ष हमारे प्राण रक्षक इससे सदा तुम प्यार करो
जवाब देंहटाएंपाप हारिणी पवित्र नदियां इसको तुम गरल करो
आओ पेड़ लगायें हम धरती को हरा बनायें हम
सुंदर रचना,,,,, ,
MY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: ब्याह रचाने के लिये,,,,,
अब भी न चेते तो न जाने संभलने का मौक़ा मिले भी या नहीं!
जवाब देंहटाएंसार्थक सीख देती सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंसन्देश देती रचना इस उत्कृष्ट रचना के लिए ... बधाई स्वीकारें....!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.......
जवाब देंहटाएंअब न जागे तो फिर कब????
आओ पेड़ लगायें हम
जवाब देंहटाएंधरती को हरा बनायें हम.....sarthak rachna.
prkrti prem ki adbhud rachana ....badhai tiwari ji .
जवाब देंहटाएंसुन्दर सी मनमोहक प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंपेड़ लगाने की प्रेरणा देती हुई.