छुट्टियाँ क्या हुई बच्चों की दुनिया में एक नया जोश आया और शैतानियों की भरपूर लिस्ट तैयार थी . कोई किसी से कम नहीं था , एक से एक नए कारनामे होने लगे , अब इस बेचारी बिल्ली की शामत आई थी जो बच्चों के सामने आ गयी .......................................ये तो होना ही था .
छोटे नबाब को फूल बड़े प्यारे लगते है .
मै तो बड़ी अच्छी बिटिया हूँ ................................................
एक छोटी सी गुडिया हूँ ................................
मम्मी ये मेरा खिलौना ले लिया ....................................................ऊँ ......ऊँ ..............
गले मिलकर सारे गिले - शिकवे दूर हो गए ........................अरे ...........ये तो जादू की झप्पी है ..................
बहुत सुंदर तस्वीरें हैं । :)
जवाब देंहटाएंसब ठीक था,बस रोते बच्चे की तस्वीर से मूड ऑफ हो गया। बच्चे हंसते ही अच्छे लगते हैं क्योंकि केवल उनकी हंसी सहज है।
जवाब देंहटाएंअब छुट्टियां खत्म हो गयी, बच्चे धमाचौकड़ी भूल कर किताबों के बोझ से उबरने की जुगत में लग जाएगें।
जवाब देंहटाएंमिलिए सुतनुका देवदासी और देवदीन रुपदक्ष से रामगढ में
जहाँ रचा गया महाकाव्य मेघदूत।
बच्चों की धमाचौकड़िया बहुत नटखट होती है..प्यारी-प्यारी सी..
जवाब देंहटाएंबच्चों के सुंदर चित्र ,,,,,अच्छे लगे,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST पर याद छोड़ जायेगें
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जवाब देंहटाएं~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
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बेहतरीन रचना
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ब्लॉ.ललित शर्मा
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