मर्मस्पर्शी ...व्यथा ....!!बहुत सुंदर रचना ...!!शुभकामनायें ....!
सच है दर्द दिल में होता है आँखे रोती है....और मन शान्त.....
बाहर आने को फड़फड़ाते होठ पर गिर पड़े दो बूंद आंसू के और बह गए दर्द पुन : दबी रह गयी व्यथा ।सुंदर बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति,......MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
शुभकामनायें ||
महतारी दिवस की बधाई
बहुत सुंदरमां मेरे गुनाहों को कुछ इस तरह से धो देती हैजब वो बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
अच्छीपोस्टMY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
बढ़िया
दर्द दिल में होता हैहर शब्द बहुत कुछ कहता हुआ, ... शुभकामनायें ।
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति....
aap sabhi ko dhanyvad ---------prerna ka sabse achcha madhyam hai hamara sampark---------abhar
marmsparshi.. main isko share kar raha hoon:)
kabhi hamare blog pe tashreef layen!
व्यथा की कहानी ... दर्द का एहसास ...मार्मिक रचना है ...
धन्यवाद
♥दबी रह गयी व्यथा आह ! मार्मिक लिखा …डॉ.संध्या तिवारी जी आपकी कुछ पुरानी पोस्ट्स भी देखी …चलती रहे लेखनी अनवरत …हार्दिक शुभकामनाएं ! -राजेन्द्र स्वर्णकार
bahut acchi abhiwaykti dil ko choo gai is page ki sabhi rachnayen padhi....
धन्यवाद निशा जी, बहुत बहुत आभार
वो जो तूफां हैतोड़ता है किनाराबिना विध्वंस के!
Sampoorna vyatha katha.....good
बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...
मर्मस्पर्शी ...व्यथा ....!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...!!
शुभकामनायें ....!
सच है दर्द दिल में होता है आँखे रोती है....और मन शान्त.....
जवाब देंहटाएंबाहर आने को फड़फड़ाते होठ
जवाब देंहटाएंपर गिर पड़े दो बूंद आंसू के
और बह गए दर्द
पुन : दबी रह गयी व्यथा ।
सुंदर बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति,......
MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
शुभकामनायें ||
जवाब देंहटाएंमहतारी दिवस की बधाई
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जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमां मेरे गुनाहों को कुछ इस तरह से धो देती है
जब वो बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
अच्छीपोस्ट
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बढ़िया
जवाब देंहटाएंदर्द दिल में होता है
जवाब देंहटाएंहर शब्द बहुत कुछ कहता हुआ, ... शुभकामनायें ।
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंaap sabhi ko dhanyvad ---------prerna ka sabse achcha madhyam hai hamara sampark---------abhar
हटाएंmarmsparshi.. main isko share kar raha hoon:)
जवाब देंहटाएंkabhi hamare blog pe tashreef layen!
जवाब देंहटाएंव्यथा की कहानी ... दर्द का एहसास ...
जवाब देंहटाएंमार्मिक रचना है ...
धन्यवाद
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दबी रह गयी व्यथा
आह !
मार्मिक लिखा …
डॉ.संध्या तिवारी जी
आपकी कुछ पुरानी पोस्ट्स भी देखी …
चलती रहे लेखनी अनवरत …
हार्दिक शुभकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
bahut acchi abhiwaykti dil ko choo gai is page ki sabhi rachnayen padhi....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद निशा जी, बहुत बहुत आभार
हटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंवो जो तूफां है
जवाब देंहटाएंतोड़ता है किनारा
बिना विध्वंस के!
Sampoorna vyatha katha.....good
जवाब देंहटाएंबहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...
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