दर्द को बिखरने न दो
रोक लो आँसुओं को
बादल बन बरसने न दो
दर्द को अकेले ही पी लो
बाँट कर बिखरने न दो ।
यादों के झरोखों से
चुन लो वो ख़ुशी
पायी थी जो कभी
उसे ही भरपूर जी लो
सिमटने न दो ।
छिटकती चांदनी को
फैला आँचल समेट लो
तिमिर की ओढ़नी में सजा
थोड़ी देर सहेज लो
निकलने न दो ।
उम्मीदों से भरे जीवन को
परखो कठिनाइयों से
पर न भूलो अपने अस्तित्व को
सघर्षरत पहचान बना लो
मिटने न दो ।
दर्द को महसूस करो
थोड़ी देर जी लो
खुद को उसमे उलझने न दो
दर्द को बिखरने न दो ।
रोक लो आँसुओं को
बादल बन बरसने न दो
दर्द को अकेले ही पी लो
बाँट कर बिखरने न दो ।
यादों के झरोखों से
चुन लो वो ख़ुशी
पायी थी जो कभी
उसे ही भरपूर जी लो
सिमटने न दो ।
छिटकती चांदनी को
फैला आँचल समेट लो
तिमिर की ओढ़नी में सजा
थोड़ी देर सहेज लो
निकलने न दो ।
उम्मीदों से भरे जीवन को
परखो कठिनाइयों से
पर न भूलो अपने अस्तित्व को
सघर्षरत पहचान बना लो
मिटने न दो ।
दर्द को महसूस करो
थोड़ी देर जी लो
खुद को उसमे उलझने न दो
दर्द को बिखरने न दो ।
बहुत उम्दा भावअभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : प्यार में दर्द है,
उम्मीदों से भरे जीवन को
जवाब देंहटाएंपरखो कठिनाइयों से
पर न भूलो अपने अस्तित्व को
सघर्षरत पहचान बना लो
मिटने न दो ।
संघर्ष ही जीवन है...बहुत सुन्दर भाव...
बहुत बढ़िया..सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंधैर्य ही जीवन संवार देता है ....निखर देता है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव ...!!
उम्मीदों से भरे जीवन को
जवाब देंहटाएंपरखो कठिनाइयों से
पर न भूलो अपने अस्तित्व को
सघर्षरत पहचान बना लो
मिटने न दो -----वाह जीवन का सच
सुंदर प्रस्तुति
आग्रह हैः मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
wahh.. kya khoob .. umda lekhan .. Badhai
जवाब देंहटाएंदर्द को महसूस करो
थोड़ी देर जी लो
खुद को उसमे उलझने न दो
बहुत सुंदर ....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंदर्द बिखर गया तो तमाशा बन जाएगा ...
जवाब देंहटाएंइसको अमृत बम लो ... खुद ही जी लो ...
सही कहा आपने ..........
हटाएंधन्यवाद शशि जी ...........
जवाब देंहटाएंवाह..
जवाब देंहटाएंछिटकती चांदनी को
फैला आँचल समेट लो
तिमिर की ओढ़नी में सजा
थोड़ी देर सहेज लो
निकलने न दो ।
बहुत कोमल भाव संध्या जी...
अनु
दर्द को महसूस करो
जवाब देंहटाएंथोड़ी देर जी लो
खुद को उसमे उलझने न दो
दर्द को बिखरने न दो ।---
बहुत सुन्दर भाव
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post बे-शरम दरिंदें !
latest post सजा कैसा हो ?
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपसभी को ............
हटाएंदर्द को महसूस करो
जवाब देंहटाएंथोड़ी देर जी लो
खुद को उसमे उलझने न दो
दर्द को बिखरने न दो ।
डॉ संध्या जी जिन्दगी के सच को उकेरती हौसला देती सुन्दर रचना ...
भ्रमर ५
बहुत बढियां प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअश्क़ को झरने न दो
जवाब देंहटाएंतिमिर को पसरने न दो
सुंदर संदेश मिल रहा
दर्द को बिखरने न दो....
वाह !!!!!!!!!!!!!!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति "रोक लो आंसुओं को .बदलो को बरसाने दो ,तिमिर की ओढ़नी में चांदनी को बिखरने दो, ........
जवाब देंहटाएंदर्द को महसूस करो
जवाब देंहटाएंथोड़ी देर जी लो
खुद को उसमे उलझने न दो
दर्द को बिखरने न दो ।
जिंदगी की हकीकत को स्वीकारती सुंदर कविता.
बहुत खूब, सुन्दर प्रस्तुति. उत्तम भाव..
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