गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

माँ शक्तिस्वरुपिनी


              माँ शक्तिस्वरुपिनी 
 



नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ सभी को ..................हम सभी आज से चैत्र नवरात्री में माँ की आराधना करेंगे । माँ वो शक्ति है जो सभी मुसीबतों को स्वयं सह लेती है और हमारे लिए ढाल  बनकर खड़ी  रहती है । माँ का सर्वोत्तम रूप जननी का है और हर  काल  में वो  इस रूप में पूज्य रही है । वीर पांडवों को उनकी माता कुंती के नाम से कुंती पुत्र संबोधित किया जाता था जो माता की महत्ता को दर्शाता है । वीर हनुमान का एक अन्य नाम आंजनेय है जो उनकी माता अंजनी के नाम से ही पड़ा । प्राचीन काल से ही वीर पुत्रों को जन्म देने वाली माता समाज में पूजनीय रही है और उसका पुत्र अपनी माता के नाम से ही जाना जाता रहा है । भगवान  कृष्ण भी देवकीसुत और यशोदा नंदन के नाम से पूज्य हैं , उनका बीज मन्त्र -ऊं क्लिं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणम गता है और इस मन्त्र में उन्हें माता के नाम से ही संबोधित किया गया है । 
           भारतीय समाज प्राचीन काल से ही माता की महत्ता को सर्वोपरि मानता था, इसका प्रमाण सैन्धव घाटी सभ्यता से प्राप्त  मातरि देवी की मूर्तियों से मिलता है । ये मूर्तियाँ अत्यधिक मात्रा में वहां से मिली हैं जो यह स्पष्ट करती हैं कि वहां माता  के रूप की पूजा होती थी । ऋग्वैदिक समाज आर्यों का था और उन्होंने माता की शक्ति को महत्त्व देते हुए उनकी आराधना की है । आगे चलकर माता की प्रतिमाये उनके विभिन्न स्वरूपों को दर्शाती हुई निर्मित होने लगी । हमारा भारतीय समाज उनके नौ स्वरूपों की उपासना बहुत ही श्रद्धा और आस्था से करता है । उपवास और माँ की आराधना में शुद्धता का काफी ख्याल रखा जाता है और लोग आस्था के समंदर में  पुरे नौ दिन डुबकी लगाते  हैं । 
          माँ शब्द में जितनी शक्ति है उतनी शक्ति किसी भी शब्द में नहीं है । गांधारी वेशक अपने पुत्रों की करनी से दुखी थी लेकिन महाभारत युद्ध में उन्होंने अपने पुत्र दुर्योधन को वज्र बनाने के लिए अपनी सारी शक्ति प्रदान कर दी थी जो उन्होंने अपने तप से अर्जित की थी । माता के रूप में ही ये संभव था । 
                      हे माँ जगतजननी 
                     वरदायिनी , शक्तिस्वरुपिनी
                    कल्याणी , सबका  कल्याण कर दे 
                      विश्व  में शांति दे माँ शांति दे 

11 टिप्‍पणियां:

  1. ऊं क्लिं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
    देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणम गता...

    नवरात्र की शुभकामनाएं..

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  2. बहुत सुन्दर....
    आपको नव संवत्सर और चैत्र नवरात्र की शुभकामनाएं.

    अनु

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  3. मात्री-शक्ति का हर रूप पूजनीय है.....
    संतान चाहे जैसी हो पर माँ तो बस माँ होती है..
    अपनी संतान की शुभ-चिन्तक ....
    नव-वर्ष मंगल मय हो.....

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  4. माँ शक्तिस्वरुपिनी कल्याणी , सबका कल्याण कर दे
    विश्व में शांति दे माँ शांति दे और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ......

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  5. माँ शब्द में जितनी शक्ति है उतनी शक्ति किसी भी शब्द में नहीं है
    ... सहमत हूँ आपकी इस बात से
    नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं

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  6. बहुत उम्दा आलेख ,आभार
    नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं,,,,,
    Recent Post : अमन के लिए.

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  7. माँ का स्थान हर धर्म में सबसे ऊंचा है ...
    शक्ति ओर जीवन का एहसास इसी नाम से ... नव रात्री की शुभ-कामनाएं ...

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  8. सुंदर प्रस्तुति.

    नवसंवत्सर और नवरात्रि की अनेकानेक शुभकामनाएँ.

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  9. शक्तिरूपिणी हम सब में प्रकट हो..शुभकामनाएँ..

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