ख़ामोशी एक कहानी है
उस गूंगी लड़की की बोलती नजरों को देखकर .......................
ये न सोंचो कि शब्द बनते नहीं
तो मुखरित क्या होंगे
भावनाएँ होती नहीं
तो महसूस क्या होंगी
मन सोंचता नहीं
तो कहानी जन्म कैसे लेगी
ख़ामोशी यूँ ही नहीं होती
उसके पास शब्द भी हैं
भावनाएँ भी होती
मन तो उड़ान में
न जाने कहाँ - कहाँ होता
तो कहानी स्वयं ही बन जाती
पर बोलती हैं नजरें
समझ कर तो देखो
ख़ामोशी एक कहानी है ।
उस गूंगी लड़की की बोलती नजरों को देखकर .......................
शानदार ,बेहतरीन अभिव्यक्ति ,,,,शुभकामनायें ,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: गुलामी का असर,,,
सही कहा है..कुछ खामोशियाँ शब्दों से ज्यादा मुखर होती हैं..
जवाब देंहटाएंsundar Rachna ...Badhai
जवाब देंहटाएंhttp://ehsaasmere.blogspot.in/2013/01/blog-post_26.html
बहुत सुन्दर कहा है.
जवाब देंहटाएंख़ामोशी यूँ ही नहीं होती
जवाब देंहटाएंउसके पास शब्द भी हैं
भावनाएँ भी होती
....सच कहा है...मौन का शोर भी कम नहीं होता...
खामोशियों की जुबान होती है
जवाब देंहटाएंउनकी आँखे..बहुत ही संवेदनशील रचना.....
sunder.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपसभी को ........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंख़ामोशी की जुबां को समझो...
समझ कर तो देखो
ख़ामोशी एक कहानी है ।
शुभकामनाएँ.
सच कहा आपने....मौन ही तो भावना की भाषा है.
जवाब देंहटाएंबोलना आवश्यक तो नहीं ...
जवाब देंहटाएंख़ामोशी यूँ ही नहीं होती
जवाब देंहटाएंउसके पास शब्द भी हैं
भावनाएँ भी होती
मन तो उड़ान में
न जाने कहाँ - कहाँ होता-----bahut sarthak baat
खामोश रहकर भी अपनी भावनाए व्यक्त की जा सकती है,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST बदनसीबी,
khamoshi ki bhi apni zuban hoti hai ....bahut sundar Rachna
जवाब देंहटाएंhttp://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post.html
khamoshi ki sundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंशब्दहीन..
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