शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

हिंदी हमारे देश की बिंदी और क्षेत्रीय भाषाएँ उसकी सजावट

हिंदी हमारे देश की बिंदी और  क्षेत्रीय भाषाएँ उसकी सजावट



निज भाषा उन्नति अहै , सब उन्नति को मूल ।
बिन निज भाषा ज्ञान के , मिटत  न हिय को सूल ।।
अंग्रेजी पढिके जदपि , सब गुण होत  प्रवीन ।
पै निज भाषा ज्ञान बिन , रहत हीन  के हीन  ।।

भारतेंदु हरिश्चंद के ये पंक्तियाँ मुझे हिंदी दिवस के दिन याद आ जाती है । आज भी हमें ढोल पीटकर यानि आयोजनों के द्वारा हिंदी को याद करना पड़ता है , ये है हमारी ओर  से हिंदी का सम्मान, वो भी सिर्फ एक दिन का । अगले दिन फिर हमारी सुबह गुड मॉर्निग से शुरू होती है और गुड नाईट पर ख़त्म होती है । हम आयोजनों में रूचि रखते हैं लेकिन ये कभी नहीं करते कि घर के बच्चों को अपनी मातृभाषा में बात करना सिखाएं । बचपन से ही यदि बच्चों को हिंदी का शुद्ध उच्चारण सिखाया जाय  तो हमारे देश में हिंदी दिन पर दिन परायी नहीं होती जाएगी । अंग्रेजी के निचे दबी हमारी हिंदी अब छटपटा रही है आजाद होने के लिए और हम ख़ामोशी से उसे बेबस होते देख रहे है ।
                               मुझे ख़ुशी होती है जब हम ब्लॉग लिखने वाले सभी साथी एक- दूसरे का प्रोत्साहन करते है और हमारा भी प्रयास हिंदी की महत्ता को बढ़ने में योगदान देता है । हिंदी हमारे देश की बिंदी है और क्षेत्रीय भाषाएँ उसकी सजावट , तभी तो हमारा देश रंग-रंगीला है ।  

                                            हिंदी दिवस पर शुभकानाएं 





                                    

17 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया.....

    सुन्दर सामायिक पोस्ट....
    शुभकामनाएं हिंदी दिवस की...
    दिनों दिन मान बढे हिंदी का...
    सस्नेह
    अनु

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    1. हम सभी चाहते है की हमारी हिंदी का मान बढ़ता रहे ......धन्यवाद

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  2. बिल्‍कुल सही कहा आपने ... पूर्णत: सहमत हूँ आपकी बात से
    हिन्‍दी दिवस की अनंत शुभकामनाएं

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  3. हिंदी दिवस की आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं..
    बढिया

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  4. हिंदी हमारे देश की बिंदी और क्षेत्रीय भाषाएँ उसकी सजावट..बहुत सही.. हिंदी दिवस पर शुभकानाएं

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  5. बहुत ही सार्थक प्रस्तितु हिंदी दिवस पे ...
    ये बिंदी यूं ही चमकती रहे देश के माथे पे ...

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  6. संध्या जी सार्थक लेख है आपका ....गुलाबी सौंदर्य ब्लॉग की शोभा बढ़ा रहा है ...!! हिंदी दिवस की शुभकामनायें ...

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  7. सुन्दर भावना है, निज भाषाओं के महत्व को पहचाना जाये!

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