- भगवान बुद्ध
सागर से विशाल ह्रदय में आंदोलित करती लहरों के साथ उन्होंने ज्ञान प्राप्ति के मार्ग पर अनवरत चलने का प्रयत्न किया और सफलता ने उनके कदम चूमे। बाधाएं स्वयं रास्ता देकर उनका स्वागत करने लगी और शांत चित्त गौतम ने सभी को अपना साथी बनाते हुए मानव मात्र के कल्याण हेतु जो मार्ग चुना सिर्फ उसी पर चलते रहे।
ऐसा नहीं है कि समाज ने उनपर उँगली नहीं उठायी होगी क्योकि जब उन्होंने प्रथम बार सुजाता का खीर ग्रहण किया होगा तब लोगों ने उन्हें लोभी महात्मा कहा होगा। उनके पवित्र चरित्र पर कीचड़ भी उछाले होंगे। यही परिस्थिति तब भी पैदा हुयी होगी जब उन्होंने आम्रपाली नामक वेश्या का आतिथ्य स्वीकार किया होगा। उनके अनुयायी भी उन्हें पथभ्रष्ट मानने लगे , लेकिन स्थिर चित्त और तेजस्वी विचारधारा के आगे सभी नतमस्तक हो गये।
भगवान बुद्ध के चरित्र की विशेषता थी महिलाओं के प्रति सम्मान। उन्होंने अपने समय से आगे अपनी सोँच रखीं , हांलाकि इसमें उनके प्रिय शिष्य आनन्द का महत्वपूर्ण योगदान था और इतिहास उनका सदैव आभारी रहेगा क्योकि उनके प्रयत्नो से ही भिक्षुणी सन्घ की स्थापना हुई । हमारा समाज यही मानता रहा कि महिलाओँ को सन्घ बनानें की आजादी देना ,समाज को पतन के मार्ग की ओर ले जाना है लेकिन भगवान बुद्ध ने इस मिथक को तोड़ समाज को एक नवीन संदेश दिया जो नारियों के सम्मान का सूचक आज भी है।
आज बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध को कोटिशः नमन।
बहुत बढिया........
जवाब देंहटाएंसार्थक पोस्ट ..... उनके विचार आज पूरे विश्व को मानवीयता का पाठ पढ़ाने और दिशा देने के लिए ज़रूरी हैं ...नमन
जवाब देंहटाएंबढ़िया लें आदरणीय , अच्छी रचना धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
भगवान बुद्ध की याद में प्रस्तुत सुंदर रचना..आभार !
जवाब देंहटाएंपरंतुइ न्हीं गौतम ने यशोधरा का त्याग उसे बिना बताये किया था।
जवाब देंहटाएंitihas gawaah hai aise mahan logo ki mahamta ko ..kaise nazarandaj kiya ja sakta hai ..sundar prastuti ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया .....सुंदर रचना..आभार !!
जवाब देंहटाएंमहात्मा बुद्ध ने पुरे विश्व को मानवता का सन्देश दिया ... बहुत सुन्दर प्रस्तुति !!
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