शनिवार, 16 नवंबर 2013

एक बूँद




एक बूँद  आँखों से छलका
 आँसू नाम दिया जग ने 
एक बूँद माँ की  आँखों में
 ममता नाम दिया जग ने          
एक बूँद विरहिन आँखों में
पीड़ा  नाम दिया जग ने
एक बूँद सीपी में गिरा जब 
मोती नाम दिया जग ने
एक  बूँद पत्तों पे दिखा तो
ओस की  बूँद कहा जग ने
एक  बूँद माथे से लुढ़का 

मेहनत नाम दिया जग ने
एक  बूँद बादल से गिरा तो
वर्षा नाम दिया जग ने
एक बूँद तो जल ही है
पर  अलग कहानी सबकी है
बूँदों  से रिश्ते बनते ही

हर बूँद का नाम दिया जग ने ................





12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ..

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  2. बूँद बूँद शब्द कविता की सरिता बन गए...
    बहुत सुन्दर..

    अनु

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  3. बहुत खूब ... एक बूँद और कितने रूप ... एक एक बूँद भी कई बार सागर बन जाती है ...

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  4. एक बूंद आंसू के कितने रूप..... बहुत प्यारी रचना .

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  5. एक बूंद के कितने नाम...बहुत भाव भीनी रचना..

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  6. हर बूँद की अपनी कहानी... बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

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  7. हर बूँद जीवंत हो उठी। क्या बात है।

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  8. बूँद-बूँद भावों का सागर बन जाती है .. सुन्दर अभिव्यक्ति!

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