दोस्ती
दोस्ती वह बंधन नहीं है
जो रिश्तों की डोर से बंधी होती
न ही सिमटी होती
निश्चित दायरे में
यह निकलती है
एक पतले धागे के रूप में
मन के किसी कोने से
और परत-दर-परत
मोटी होती जाती है
अनगिनत अहसासों से
जो महसूस किये जाते हैं
किसी उस "अपने" से
जिसके होते हैं हम "अपने"
अपना लिए जाते हैं
जिसके हिस्से की खुशियाँ और गम
जो दर्शाए नहीं जाते
महसूस किये जाते हैं
कि भीड़ में से कोई कब
अपना "अजीज" बन गया
साथ ऐसे चल पड़ा कि
दोस्त अपना बन गया …………।
दोस्ती वह बंधन नहीं है
जो रिश्तों की डोर से बंधी होती
न ही सिमटी होती
निश्चित दायरे में
यह निकलती है
एक पतले धागे के रूप में
मन के किसी कोने से
और परत-दर-परत
मोटी होती जाती है
अनगिनत अहसासों से
जो महसूस किये जाते हैं
किसी उस "अपने" से
जिसके होते हैं हम "अपने"
अपना लिए जाते हैं
जिसके हिस्से की खुशियाँ और गम
जो दर्शाए नहीं जाते
महसूस किये जाते हैं
कि भीड़ में से कोई कब
अपना "अजीज" बन गया
साथ ऐसे चल पड़ा कि
दोस्त अपना बन गया …………।
सच है दोस्त जाने कब जुड़ जाते हैं हमसे..... वो भी सदा के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर , ढेरो शुभकामनाये मित्र दिवस की
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंआपको भी दोस्तों की दोस्ती मुबारक :-)
अनु
बहुत बढि़या प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,आभार।
जवाब देंहटाएंमित्रता एक अनमोल जज्बा है..सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंदोस्ती को बाखूबी बयाँ किया है ... सच है ये डोर समय के साथ मोटी होती जाती है ... मित्रता दिवस की शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना है।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं..
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती, मित्रता दिवस की शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस की शुभकामनायें ....
:-)
सार्थकता लिये सशक्त अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंदोस्ती एक रिश्ता जो स्वार्थ के दायरे के बाहर ही फलता-फूलता है
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
बहुत ही सुंदर और सार्थक.. मित्रता सबसे अनमोल जज्बा है ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर ,सटीक और प्रभाबशाली रचना। कभी यहाँ भी पधारें।
जवाब देंहटाएंसादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सच कहा अपने ..
जवाब देंहटाएंबधाई !
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आप को आमंत्रित किया जाता है। कृपया पधारें!!! आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |
जवाब देंहटाएंदोस्त अपनी मर्ज़ी के होते हैं..इसलिए और अधिक प्रिय होते हैं.....
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
जवाब देंहटाएं