बुधवार, 7 सितंबर 2011

                      नेताओं का जेल जाना

   रेड्डी बंधुओं के बाद अमर सिंह भी जेल पहुँच गए . पहले से तो वहां और भी दिग्गज विराजमान हैं ही , अमर सिंह के आ जाने से रौनक और भी बढ़ गयी  होगी. बेचारे सर्कार बनाते बनाते खुद ही अपने ही खेल में फँस गए. कभी राजनीती में अमर सिंह की तूती  बोलती थी और अब शायद जेल में बोलेगी. 
             अन्ना  हजारे  को कुछ  तो संतुष्टि हुई  होगी  भले  ही पिक्चर अभी  बाकी है लेकिन  पिक्चर  का ये  नजारा  भी काफी  दिलचस्प  है. सरकार को  बिहार  के नितीश जी से सीख लेनी चाहिए, उन्होंने  आय से  अधिक सम्पति के  मामले में सील की गयी प्रशासनिक अधिकारी  वर्मा के आलिशान मकान को स्कूल खोलने के लिए दे दिया और एक नया उदाहरण समाज के सामने पेश किया. 
              मै तो यही चाहती हूँ कि सभी सरकारें इस कदम को उठायें और  भ्रष्टाचार में लिप्त  लोगों को सबक सिखाये. विद्या मंदिर बनकर उनकी पाप की सम्पति कम से कम कुछ तो पुण्य देगी और पीढियां उनसे सबक भी लेंगी.
                      जनता जग चुकी है. अन्ना के आन्दोलन के  समय ही हमने भारतीय एकता का जो स्वरूप देखा वही काफी है ये  बताने के लिये  कि जनता अब चुप नहीं बैठेगी , तो नेताओं के  साथ अब उनकी भी बारी है जो अब तक परदे में हैं.
 

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