tag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post8256521174388110095..comments2023-08-29T03:24:46.507-07:00Comments on परिंदा : आरोप-प्रत्यारोप की घिनौनी राजनीति Dr. sandhya tiwarihttp://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-33842140901672924702012-10-31T04:01:23.364-07:002012-10-31T04:01:23.364-07:00बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-24915577648239064892012-10-21T10:19:27.248-07:002012-10-21T10:19:27.248-07:00देश की किसको परवाह है ?देश की किसको परवाह है ?Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-8310592612100848692012-10-20T10:49:47.051-07:002012-10-20T10:49:47.051-07:00यही होता रहा है यही होता रहेगा ..... दुखद है पर सच...यही होता रहा है यही होता रहेगा ..... दुखद है पर सच है डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-51672730530632267292012-10-19T08:20:59.318-07:002012-10-19T08:20:59.318-07:00आलेख बहुत ही अच्छा लगा। धन्यवाद।आलेख बहुत ही अच्छा लगा। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-6185848823273823142012-10-18T10:23:33.026-07:002012-10-18T10:23:33.026-07:00आज एक सीरियल देख रही थी , उसमें एक वाक्य था "...आज एक सीरियल देख रही थी , उसमें एक वाक्य था " राजनीति का मतलब भाई - बहन , माता - पिता , नाते-रिश्तेदार नहीं होता , राजनीति में सिर्फ जय और पराजय होती है और उसके लिए कुछ भी किया जा सकता है "<br />आपका लेख पढ़ कर यह वाक्य याद आ गया ....आपने सही कहा है कि उन रास्तों पर आगे बढ़ना होगा जहाँ से देश की तरक्की हो ..... anita saxenahttps://www.blogger.com/profile/04841950789148054971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-60965839954210616022012-10-18T09:44:01.479-07:002012-10-18T09:44:01.479-07:00क्या करना चाहिए इससे ज्यादा आज इस बात पर ज्यादा जो...क्या करना चाहिए इससे ज्यादा आज इस बात पर ज्यादा जोर है कि किसने क्या किया. कोई भी नेता ईमानदार नहीं है. जैसे ही कुर्सी मिलती सारी इमानदारी खत्म और लग जाते अपनी कुर्सी बचाने और कुर्सी रहते तक कई पुश्तों के लिए संपत्ति जमा करने. जैसे मौक़ा मिलता दूसरे का पोल खोलना और खुद को सबसे ज्यादा ईमानदार साबित करना; एक नया चलन बन गया है. <br />आपका लेख बहुत अच्छा लगा, शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-31113968509357001802012-10-17T01:51:00.070-07:002012-10-17T01:51:00.070-07:00आज की हकीकत को आइना दिखाती सशक्त पोस्ट
बहुत बढिया
...आज की हकीकत को आइना दिखाती सशक्त पोस्ट<br />बहुत बढिया<br />शुभकामनाएंमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-77419399813153906992012-10-17T00:45:54.997-07:002012-10-17T00:45:54.997-07:00बिल्कुल सही कहा आपने ... बिल्कुल सही कहा आपने ... सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-91359247621459429382012-10-16T06:09:05.141-07:002012-10-16T06:09:05.141-07:00आम आदमी के पास केवल दो विकल्प होते हैं भ्रष्ट और क...आम आदमी के पास केवल दो विकल्प होते हैं भ्रष्ट और कम भ्रष्ट में से किसी एक को चुनना ---लेख अच्छा लगा संध्या जी <br />Aditi Poonamhttps://www.blogger.com/profile/07454848082907747001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-56350337896320964742012-10-14T11:38:29.045-07:002012-10-14T11:38:29.045-07:00आदरणीया डॉ संध्या जी सटीक ...हर बार इतना चिल्लाते ...आदरणीया डॉ संध्या जी सटीक ...हर बार इतना चिल्लाते समझाते लोगों को जगाते गला बैठ जाता है लेकिन वे फिर चुन के पहुँच जाते हैं और फिर वही ढाक के तीन पात ...<br />अच्छा लेख देखिये आगे आगे होता है क्या <br />जय श्री राधे <br />भ्रमर ५ Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-22494991381935124872012-10-13T23:17:38.566-07:002012-10-13T23:17:38.566-07:00आपका संदेह जायज है. किसी पर भी अब विश्वास करना मुश...आपका संदेह जायज है. किसी पर भी अब विश्वास करना मुश्किल है.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-40955366331922732772012-10-12T07:49:38.260-07:002012-10-12T07:49:38.260-07:00बहुत सार्थक आलेख...देश की चिंता किसी को नहीं है, स...बहुत सार्थक आलेख...देश की चिंता किसी को नहीं है, सब किसी तरह एक दूसरे को नीचे गिरा कर कुर्सी की ओर बढ़ना चाहते हैं..शुभकामनायें!Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-51895040333576539252012-10-10T23:29:11.509-07:002012-10-10T23:29:11.509-07:00सही कहा आपने सही कहा आपने Dr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031530824983119440.post-8751567040205940322012-10-10T20:00:58.089-07:002012-10-10T20:00:58.089-07:00कुर्सी पर निगाह कुछ भी करा सकती है ...
अच्छा लिखते...कुर्सी पर निगाह कुछ भी करा सकती है ...<br />अच्छा लिखते हो ! <br />बधाई ! Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.com